‘आशीर्वाद’

माँ
आँचल तेरा है समुन्दर से गहरा
किनारे की अहमियत ही कहाँ थी
तू जो है साथ मेरे माँ
मुझे बेगानों की ज़रुरत ही कहाँ थी

पापा
सपनों कि कमी न होने दी आपने
ख्वाहिशें हमारी की पूरी
खुदके सपनों से पहले देखि हमारी ख़ुशी
पापा आपके बिना ये सपनों की दुनिया है अधूरी

गुरु
खुद पे यकीन करना सिखाया
उम्मीदों कि राह पे चलना सिखाया
सही और गलत में फर्क समझा के
गुरुजी अनजाने में आपने
हमें जीना सिखाया

माँ कि अहमियत जानी हर गुज़रते पल के साथ
पापा कि अहमियत जानी हर पुरे होते ख्वाब के साथ
गुरु कि अहमियत जानी जब हर नया मकाम हासिल हुआ
आप तीनों का आशीर्वाद सदा रहे हम पे
यही है हमारी दिल से दुआ …

(19.02.17, written for College day 2017)

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