प्रकृति के रंग अनेक
इंसानों के ढंग अनेक
सुख दुःख की होती
यहाँ आँख मिचौली हैं
जीवन के रंग मंच पर
तो भाई,
हर दिन – “होली हैं”
प्रकृति के रंग अनेक
इंसानों के ढंग अनेक
सुख दुःख की होती
यहाँ आँख मिचौली हैं
जीवन के रंग मंच पर
तो भाई,
हर दिन – “होली हैं”